Was father of Muhammad Ali Jinnah Hindu?

Social News :  Muhammad Ali Jinnah, A controversial personality, punja thakkar was a grandfather of  Muhammad Ali Jinnah 


मोहम्मद अली जिन्ना का जन्म पाकिस्तान के कराची शहर में हुआ था। उनके पिता का नाम जीना भाई था। वह गुजरात के सौराष्ट्र में राजकोट शहर के पास मोटी पानी ली गांव के थे। उनके दादा का नाम पुंजाभाई ठक्कर था वे रघुवंशी लोहाना क्षत्रिय थे।


भगवान श्री राम के पुत्र लव ने लोहगढ़ बसाया लोहागढ़ के राणा लोहराना कहे जाने लगे। महाराजा लव के वंशज रत-रौर जाति के क्षत्रिय है। जो आगे जाकर राठौर नाम से विख्यात हुए। 


कुछ वामपंथी इतिहासकार लोहाना को वैश्य बताते हैं लेकिन वास्तव में लोहाना जाति क्षत्रिय है। लोहाना सातवीं शताब्दी में बौद्ध धर्म का पालन करते थे लोहाना राजाओं ने बौद्ध धर्म को राज्याश्रय दिया था इसी वजह से यह गलत अवधारणा बनाकर fake news चलाया जाता है।


अगर लोहाना का वास्तविक इतिहास जानना है तो सिंध पर कब्जा करने के बाद आरबों ने जो ग्रंथ लिखा वह पढ़ लीजिए तवारीख ए हिंदवा सिंध। इस ग्रंथ में लोहाना के कितने राज्य थे वह बताया गया है।


एक और ग्रंथ पृथ्वीराज रासो जो चंदबरदाई ने लिखा वह पढ़ लीजिए पृथ्वीराज चौहान का सेनापति अजान बाहू लोहाना के बारे में बहुत अच्छी तरह बताया गया है।


सबसे आधारभूत माहिती आपको ब्रिटिश गवर्नमेंट के Historian Burtan और colonel Jams Todd की लिखी दो किताबें Annal and Antiques of Rajasthan और 36 Royal races of India पढ़ लीजिए जिनमें Historian Burtan ने साफ शब्दों में लिखा है "Lohana are oldest kshatriya". 


इस पर आगे मेरी और भी posts आयेगी। 


मोहम्मद अली जिन्ना के दादा पूजा ठक्कर बहुत बड़े व्यापारी थे उसने अपनी दुकान है एक मुस्लिम व्यापारी को पहाड़े पर दी थी जो मछलियों का व्यापार करता था इसीलिए सारी बिरादरी वाले उसके खिलाफ हो गए और उन्हें बिरादरी के बाहर कर दिया इसीलिए गुस्से में आकर उन्होंने खोजा धर्म अपना लिया खोजा याने मुस्लिम भी नहीं और हिंदू भी नहीं बरसों पुरानी बात है जब पीर सतगुरु दिन ने लोहाना के एक काफिले को उपदेश दिया तो कुछ हिंदू उनकी बातों में आ गए और धर्म परिवर्तन किया जो पूरी तरह से बदल गए वे मेहमान बने और जो इस्लाम नहीं अपनाया लेकिन कुछ अच्छी बातें अपनाएं और नया धर्म बनाया वह खोजा हुए अगर याकूब मेमन को पता होता कि वह रघुवंशी है तो वह कभी बम ब्लास्ट नहीं करता यही बात सब लोगों को समझा नहीं है


जब पूंजा ठक्कर को एहसास हुआ तो वाह हवेली में बावाश्री से मिलने आए और बोला मुझे वापिस हिंदु बनाओ, मेरा शुद्धीकरण करो लेकिन बावा श्री ने मना कर दिया और वह दुखी हो गए(सोचो अगर उन्हें वापिस हिंदु बनाया जाता तो इस देश को दो मोहन मिलते एक मोहनदास करमचंद गांधी और दुसरा मोहनलाल जिन्ना भाई ठक्कर)। उसी दुखने उनकी जान ली तब उनके बेटे जीना भाई का विवाह हो चुका था उसे एक खोजा व्यापारी कराची ले गया वहां मोहम्मद अली का जन्म हुआ वह अपना पूरा इतिहास जानते थे इसीलिए धर्म के भेदभाव को नहीं मानते थे और अंग्रेजों के कपड़े पहनते थे अंग्रेजों के शौक रखते थे नक्शी का अंग्रेजी थे लेकिन दिल हिंदू था। 


वह पढ़ाई के बाद मुंबई आ गए वहां वकीलात शुरू की।वकीलात बहुत अच्छी चलने लगी थी। तब आजादी की लड़ाई शुरू हो चुकी थी वह कांग्रेस से जुड़ गए उस समय जिन्ना को कांग्रेस के एक दाता मानेकशॉ पेतीत( टाटा और बोम्बे डाइंग कंपनी के हिस्सेदार) ने उन्हें दार्जिलिंग पर इनवाइट किया वहां सारे कांग्रेसी कार्यकर मीटिंग करने पहुंचे वहां माणकशॉ की पोती रतनबाई भी थी उन्हें प्यार से रोट्टी भी बुलाते थे। रतनबाई की उम्र महज 16 साल की थी उनकी दोस्ती मोहम्मद जीना से हुई और बहुत आगे बढ़ गई वह रोज मिलने लगे यह बात रतन भाई के दादा माणिकशॉ को पता चली। क्योंकि जिन्ना की शादी एक बार हो चुकी थी। उनका बाल विवाह था। उनकी पत्नी बचपन में ही गुजर गइ थी। उन्होंने दोनों को रोका लेकिन नहीं माने तब माणिकशॉने गांधीजी से फरियाद की गांधी जी ने जिन्ना को यह कहा कहा की कांग्रेस के बड़े दाता है है आपके इस प्यार से हमारी आजादी की लड़ाई मे रुकावट आएगी क्योंकि आखिर पार्टी दान पर चलती है ऐसी हालत में आपका यह संबंध राष्ट्र को नुकसान पहुंचाएगा लेकिन जिन्ना ने यह कह कर विरोध किया कि एक तरफ आप बिन सांप्रदायिकता की बात करते हो और दूसरी तरफ सांप्रदायिकता को बढ़ावा देते हो दोनों में आपसी मतभेद बढ़ गए और जिन्ना ने कांग्रेस छोड़ दी और यही वजह है की जिन्ना कट्टरवादी हो गए।


रतनबाई 18 साल की होते ही दोनों ने शादी कर ली लेकिन रतनबाई की मृत्यु हो गई। 


यही है मुहम्मद अली जिन्ना के कुल का इतिहास और कट्टरवादी बनने की कहानी।

इस पर मेरा video जरुर देखे। History of Muhammad Ali Jinnah, Was his father a Hindu? why he bacame fanatic? 

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