Leftists Ideology

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वामपंथी विचारधारा और आधुनिक ओरते


पीछले कुछ सालों से woman empowerment की बहोत बातें हो रही है। स्त्रीओ को पुरुष समान बनना है और पुरुषों के साथ एक competition लगा दी है। लेकिन आज जो बताने जा रहा हु वह सोचनिय है। 


क्या स्त्री पुरुष से कम है जो आप समानता की बात कर रहे हो? 


चलो इतिहास देखते हैं। क्या रामायण या महाभारत में घुंघट प्रथा का जिक्र है? क्या दशरथ-सीता और द्रौपदी-भीष्म एक दुसरे से बात नहीं करते थे?


रामायण महाभारत में बहु ससुर एक दुसरे से बात करते थे और घुंघट प्रथा नहीं थी। लेकिन जब मुस्लिम आक्रांता आये तो उन्होंने हिंदु स्त्रीओ के साथ बलात्कार कीए। उन लोगों को जेहाद करना था। 


जब भी कोई राजा से किसी की दुश्मनी होती थी तो उनकी रानी की खुबसूरती की बातें इन मुस्लिम आक्रांताओं को बता दी जाती थी और वे आक्रमण लेके आते थे। हजारों योद्धा अपनी स्त्रीओ की आबरु के खातिर जान गंवाते थे और अगर हारते तो उनकी औरतें जौहर करती थी। 


ये सब रोकने के लिए हिंदु स्त्रीया घुंघट नीकालने लगी लेकिन उनके पैरों की खुबसूरती बयां कर देती थी इसलिए उन्होंने पैरों को नंगा कर दिया ताकि वे खुबसूरत ना लगे। 


बस फिर एक दौर चला जिसे जुल्म का नाम दिया गया। 


फिर अंग्रेजों के आने के बाद वामपंथ भी आया। कामुक पुरुषों ने औरतों को भड़काया की तुम पुरुष के समान बनो और equal rights की बात करने लगे। 


अगर मर्द cigarettes पी सकता है तो तुम क्यो नही? अगर वो शराब पी सकता है तो तुम क्यो नही? और बहोत सी औरत इस चुंगल में फंस गई। 


पहेला चरण समाप्त हुआ अब दुसरा चरण शुरू हुआ। तुम्हें जो पहनना हो वो तुम्हारी मर्जी दुसरे कौन होते हैं ये तय करनेवाले कि तुम क्या पहनोगी क्या नहीं। और जब औरतें खुले वस्त्र पहनकर आती थी तो उनको सराहकर hot और sexy ऐसा बोला जाने लगा और वे फुली नहीं समाती थी। अब औरतें कितने मर्द उसे देखते हैं वो हिसाब रखने लगी। 


अब तिसरा और आखरी पड़ाव था की मर्द तुम्हें भोगता है तो तुम मर्दों को क्यु न भोगो? अब औरतें पुरी तरह इन वामपंथीओ के जाल में फंस चुकी है। 


आजकल college में लड़के लड़कियां एक दुसरे को hug करते हैं। क्या hug करने से hormones active नहीं होंगे क्या? लेकिन दुसरे को Orthodox बताने वाले ये लोग hypocrite है। विजातीय लोग hug करेंगे तो hormones तो अपना काम करेंगे ही। 


बस ये मर्यादा से गीरी हुई औरतें इन वामपंथीओ के शोख का साधन बनी। 


अगर medical science की बात करें तो virginity और manopause औरतों को होता है मर्दों को नहीं। 


ऊपरवाले ने औरतों पर नये जीव को लाने की जिम्मेदारी सोपी है।


 एक सवाल आप के माता या पिता में से एक व्यभीचारी है तो किसके व्यभिचार से ज्यादा दुख होगा? Obviously मां के बारे में सोच भी नहीं पायेंगे क्युकि अपने भगवान में कभी कोई गलती नहीं देख सकता। 


सोचीयेगा..........


Bhavin Kundaliya, Surat

9427265864

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