Plunder by multinational companies

कुछ दिन पहले मैंने Aquaguard कंपनी के RO system की service के लिए कंपनी में कोल किया, कंपनी का technician आया और बोला अंदरकी बोटल बदलनी पड़ेगी और बोटल की किमत और service charge का कुल मिलाकर 4000/- की demand की, मुझे ये rate ज्यादा लगा तो मैने मना कर दिया।

मैंने एक पहचानवाले को पुछा, उसने मुझे एक technician का नंबर दीया, technician आया और service का 100/- लेकर चला गया।

एक बार अंदरकी बोटल change करनी पड़ेगी ऐसा technician बोला, वो थोड़ा busy था तो मैंने Aquaguard company में call किया तो वहां charge सुनकर वापिस हैरान हो गया। वापिस पुराना technician आया और company से काफी कम दाम में कर गया।

लेकिन इस बार फिर जब बोटल बदलने की जरूरत पड़ी तो पुराने technician को बोला, तो technician बोला कि उसने Aquaguard का काम बंद कर दिया, मैंने पुछा क्यु? तो वो बोला कि साहब company वाले हमें सामान नहीं देते हे, हमें धक्के खिलवाते है‌‌। मैंने पुछा ऐसा क्यु? तो वो बोला जो part 75/- का आता हे उसका 375/- आपसे वसूल किया जाता है और service charge अलग-से लिया जाता है। मतलब जो normal technician का charge होता है company दो से ढाई गुना ज्यादा वसूल करती है। और जो पुराने technician इन company वालों को कमाने नहीं दे रहे हे। इसीलिए अब parts ही ना दो तो ये लोग service देना बंद कर दें और हमें मजबूरन इन companies के service centres पे जाना पड़े और वो चाहे वो charge ले सके‌।

मेरे एक friend ने अपनी नई car की service company के service centre में करवाई, तिसरी या चौथी बार में ऐसा लगा कि कुछ गड़बड़ हे, उसने अपने पुराने mechanic को बताया तो mechanic ने बताया कि service centre में आपका parts बदल लिया गया है।

ऐसी काफी घटनाएं सामने आते रहती है, लेकिन इस पर आप चाहें कितनी भी complain कर लो आपको जवाब नहीं मिलता, तब अंतरराष्ट्रीय कंपनियों की गुलामी है ऐसा लगता है, ये आर्थिक गुलामी ही है‌।

हमारे कारीगरों की स्वरोजगारी छिनके उन्हें नोकरी करने को मजबूर किया जाता है, और देश के नागरिकों से पैसा लूटके पैसा कमाया जाता है।

जागो ग्राहक जागो

जागो नागरिक जागो

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